प्रातःकाल की सैर
Pratahkal Ki Sair
मानव का शरीर एक मशीन की तरह है। इस मशीन रूपी शरीर को ठीक रखने के लिये पौष्टिक भोजन, अच्छी नींद के साथ-साथ व्यायाम भी अत्यंत आवश्यक है। व्यायामों में भी सुबह की सैर अति उत्तम है। यह अत्यंत आनन्ददायक तो है ही साथ ही स्वास्थ्य के लिये लाभदायक भी है। यह हमारे जीवन को अनुशासित भी करती है। मैं भी प्रात:काल को नियमित रूप से सैर को जाता हूँ। सुबह जल्दी उठकर नित्यकर्म से निवृत्त होकर मैं सैर के लिये घर से बाहर आ जाता हूँ। सुबह की ठण्डी हवा जब शरीर में जाती है तो दिमाग एकदम शान्त हो जाता है तथा शरीर से रातभर की सारी सुस्ती चली जाती है। सुबह-सुबह चिड़ियों का कलरव अत्यंत सुहावना लगता है। प्रात:काल की सैर शरीर को इतना चुस्त तथा फुर्तीला बना देती है कि सारे दिन सुस्ती या थकान का कोई अनुभव नहीं होता है। मेरा मित्र राजेश भी मेरे साथ प्रात:काल की सैर को जाता है।
सुबह के समय उगता हुआ सूर्य देखकर मन को शान्तिमिलती है। सुबह की ठण्डी वायु हर प्रकार के प्रदूषण से मुक्त होती है। प्रात:काल की सैर किसी व्यक्ति को मानसिक ही नहीं बल्कि शारीरिक लाभ भी देती है। प्रात:काल की सैर मनुष्य को मोटापे, हृदय रोग, मधुमेह तथा गुर्दे के रोगों से दूर रखने में सहायक होती है। ये सभी बीमारियाँ शरीर में वसा की अधिकता के कारण से होती है तथा प्रातः काल की सैर शरीर की वसा को कम करती है। साथ ही मनुष्य की देह को सुन्दर तथा आकर्षक बनाती है। अच्छे स्वास्थ्य के लिये प्रात:काल की सैर अत्यंत आवश्यक है। इस भागदौड़ की दिनचर्या में से मनुष्य को अपने अच्छे स्वास्थ्य के लिये प्रात:काल की सैर के लिये समय अवश्य निकालना चाहिये।
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