राष्ट्रीय पक्षी मोर
Rashtriya Pakshi Mor
मोर एक अत्यंत सुन्दर पक्षी है। अपनी सुन्दरता के कारण ही इसे पक्षियों का राजा भी कहा जाता है। मोर भारत का राष्ट्रीय पक्षी है। यह अत्यंत भारी पक्षी है। इसलिये यह आकाश में चील, कबूतर, कोयल आदि पक्षियों की तरह लगातार बहुत देर तक नहीं उड़ पाता। किन्तु यह थोड़ी दूर उड़कर एक पेड़ से दूसरे पेड़ अवश्य पहुँच सकता है। इसकी गर्दन लम्बी होती है तथा इसकी आँखें छोटी होती हैं। इसके सिर पर एक सुन्दर मुकुट भी होता है। लेकिन यह मुकुट मुर्गे आदि की कलगी से भिन्न तरह का होता है। किन्तु मोर की सुन्दरता का सबसे बड़ा कारण इसकी सुन्दर पंखों से सजी पूँछ होती है।
मोर वास्तव में वर्षा ऋतु का पक्षी है। जब वर्षा के समय यह अपने सन्दर पंख फैलाकर नाचता है तो अत्यंत सुन्दर लगता है। जब बहुत से मोर एक साथ वर्षा के समय नाचते हैं तो ऐसा लगता है कि इन्द्र देव के स्वर्ग की अप्सरायें धरती पर नाचने के लिये आ गयी हों। यह पक्षी जंगलों, बागों तथा खेतों में रहता है। यह कीड़े, मकोड़े खाकर अपना पेट भरता है। असल में मोर किसानों का एक दोस्त है। यह विषैले सांपों को भी मार देता है। मोर की पत्नी मोरनी कहलाती है। यह मोर से छोटी तथा कम सुन्दर होती है।
मोर के पैर उसके बाकी शरीर की अपेक्षा कम सुन्दर होते हैं। कहा जाता है कि मोर अपने बदसूरत पैरों को देखकर रोता है। लेकिन वास्तव में इसके शेष शरीर की सुन्दरता इसके पैरों की बदसूरती को ढक लेती है।
मोर हमारा राष्ट्रीय पक्षी है तथा प्रकृति की सुन्दरता की एक निशानी है। बहुत से लालची लोग इसके मांस तथा सुन्दर पंखों को प्राप्त करने के लिये इसको मार देते हैं। हमें इस सुन्दर पक्षी को शिकार होने से बचाना चाहिये। वैसे तो इसको मारना एक अपराध है तथा इसको मारने पर कड़ा दण्ड दिये जाने का कानून है। किन्तु इसके संरक्षण के लिये सरकार, समाज सेवी वन्यरक्षक संस्थाओं को जनता तथा समाज में जागरूकता उत्पन्न करनी चाहिये। तभी यह सुन्दर पक्षी धरती पर अपनी सुन्दरता का प्रदर्शन करता रहेगा अन्यथा अन्य सुन्दर पक्षियों, पशुओं की तरह यह भी लुप्त हो जायेगा।
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