अलग-अलग क्यों होता है फलों का
स्वाद
Alag Alag kyo hota hai phalon ka swad
तरबूज,
खरबूजा, चीकू, अगूर, सेब, पके आम आदि ऐसे फल हैं, जिनका स्वाद मीठा होता
है, लेकिन नीबू, आंवला, संतरा, कच्चे आम आदि फलों का स्वाद खट्टा होता है। किन्हीं दो प्रकार के फलों
के स्वाद में कुछ न कुछ अंतर अवश्य होता है स्वाद की भिन्नता हर फल का अपना
विशिष्ट गुण है।
किसी फल का स्वाद उसमें उपस्थित यौगिकों पर निर्भर
करता है। आमतौर पर किसी भी फल के अंदर चीनी, कुछ अम्ल, विटामिन, स्टार्च, प्रोटीन और सेल्यूलोज होते हैं। ये
सभी पदार्थ फल के अंदर मिश्रित अवस्था में होते हैं। इन पदार्थों की मात्रा
अलग-अलग किस्म के फलों में अलग-अलग होती है। जिन फलों में चीनी की मात्रा अधिक
होती है उनका स्वाद मीठा होता है और जिन फलों में अम्लों की मात्रा अधिक होती है
उनका स्वाद खट्टा होता है। संतरा एक ऐसा फल है जिसमें चीनी और अम्ल दोनों की ही
मात्रा लगभग बराबर होती है इसलिए उसका स्वाद खट्टा-मीठा होता है। आमतौर पर कच्चे
फलों में अम्लों की मात्रा अधिक होती है, लेकिन पक जाने पर अम्लों की मात्रा तो कम हो जाती है पर चीनी की मात्रा बढ़
जाती है। यही कारण है कि कच्चा आम खट्टा होता है लेकिन पका आम मीठा होता है। कच्चे
केले में स्टार्च अधिक होता है, लेकिन पक जाने पर यही
स्टार्च चीनी में बदल जाता जिससे केले का स्वाद मीठा हो जाता है। फल चाहे पेड़ पर
पके या कृत्रिम तरीकों से पकाया जाए,
उसमें रासायनिक परिवर्तन हमेशा ही होते हैं। दोनों को पकाने के तरीकों में
चीनी की मात्रा बढ़ जाती है जिससे फलों में मिठास आ जाती है। इस पकने की प्रक्रिया
में रासायनिक परिवर्तनों के कारण फल का आम्लिक गण कम होता जाता है और उनमें मीठापन
आ जाता है।
एक प्रकार के दो फलों के स्वाद में भी अंतर होता है।
दो सेब या दो आमों का स्वाद कभी भी एक सा नहीं होता। उनके स्वाद में कुछ न कुछ
अंतर अवश्य होता है उसका कारण है कि एक प्रकार के फल में भी अनेक प्रकार की
उपजातियां होती हैं और फिर स्थान, जलवायु, उगाने के तरीके, खाद, पानी की भिन्नता से उनमें उपस्थित यौगिकों की मात्रा एक समान
नहीं होती। अतः उनका स्वाद भी एक सा नहीं होता। नींबू आदि खट्टे फल पकने पर भी
मीठे नहीं होते क्योंकि इनमें अम्ल अधिकतम मात्रा में होता है जो पकने पर चीनी में
परावर्तित नहीं होता।
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