पेड-पौधों की पत्तियों का रंग हरा क्यों होता है 
Ped paudho ki pattiyon ka rang hara kyo hota hai



पेड़-पौधों की पत्तियों में क्लोरोफिल नाम का पदार्थ होता है जिसके कारण इनका रंग हरा होता है। कुछ पौधो की पत्तियां ऐसी भी होती हैं, जिनमें कैरोटिन नाम का पदार्थ होता है जिसके कारण पत्तियों का रंग पीला दिखाई देता है। जिन पेड़ों की पत्तियों क्लोरोफिल और कैरोटिन दोनों ही उपस्थित होते है उनका रंग पीलापन लिए हरा होता है।

कुछ पौधों की नई पत्तियों यानी कोंपलों में लाल रंग का एंथोसाइनिन नाम का पदार्थ होता है। इस पदार्थ की उपस्थिति के कारण ही कोंपलों का रंग गुलाबी या हल्का लाल दिखाई देता है। जैसे-जैसे समय बीतता है, इन कोंपलों में क्लोरोफिल और कैरोटिन की मात्रा बढ़ती जाती है जिससे इनका रंग हरा हो जाता है।

क्लोरोफिल के अणुओं की सरंचना ऐसी होती है कि जब इस पर सूर्य का सफेद प्रकाश पड़ता है तो उसमें उपस्थित सात रंगों में हरा रंग तो परावर्तित हो जाता है, पर शेष रंग इसके द्वारा अवशोषित कर लिए जाते हैं। हरा रंग परावर्तित हो कर हमारी आंखों तक पहुंचता है, जिससे ये पत्तियां हमें हरे रंग ही दिखाई देती हैं।

क्लोरोफिल की सहायता से ही पौधे प्रकाश की उपस्थिति में अपना भोजन बनाते हैं। इस क्रिया को प्रकाश संश्लेषण कहते हैं। जिन पौधों में क्लोरोफिल नहीं होता व अपना भोजन स्वयं नहीं बनाते, बल्कि उन्हें भोजन के लिए दूसरे प्राणियों या पौधों पर आश्रित रहना पडता है ऐसे पौधों को परजीवी पौधे कहते हैं। अतः हम देखते हैं कि क्लोरोफिल पेड-पौधों के जीवन के लिए बहुत ही आवश्यक है।