काली बिल्ली को अशुभ क्यों माना जाता है
Kali billi ko ashubh kyo mana jata hai
अंधविश्वास के रहते आज भी संसार में करोड़ों लोग ऐसे हैं जो काली बिल्ली के दिखने को अशुभ मानते हैं। घर से बाहर जाते समय जब बिल्ली रास्ता काट जाती है तो अक्सर लोग सोचते हैं कि कोई विपत्ति आने वाली है। सुबह बिस्तर से उठते समय भी बिल्ली का दिखाई दे जाना अशुभ समझा जाता है। क्या तुम जानते हो कि काली बिल्ली को अशुभ क्यों माना जाता है?
काली बिल्ली को अशुभ माना जाना केवल एक अंधविश्वास है। इस अंधविश्वास स्त्र के लोग बिल्ली को पवित्र मानते थे और उसकी पूजा करते थे। उनकी 'बाश्त' नाम की एक देवी थी जिसका सिर बिल्ली जैसा था। वे सोचते थे कि यह देवी 9 बार जन्म लेती है। आज भी कुछ लोग सोचते हैं कि बिल्ली के 9 जन्म होते हैं। मिस्र में जब कोई काली बिल्ली मर जाती थी तो उसके मृत शरीर पर मसाला लगाकर सुरक्षित रखा जाता था। मिस्र की एक श्मशान भूमि में हजारों काली बिल्लियों के मृत शरीर मिले हैं। बिल्ली को मारने वाले व्यक्ति को मृत्युदंड दिया जाता था। इस प्रकार लोग काली बिल्ली से बहुत डरते थे।
मध्यकाल में जब जादू-टोना अधिक प्रचलित था उस समय के जादूगर और जादूगरनी काली बिल्ली की खोपड़ी में दवाइयां तैयार करते थे। इससे लोग काली बिल्ली को बुरा समझने लगे। इस प्रकार सदियों से यह अंधविश्वास चला आ रहा है। वास्तविकता तो यह है कि कोई भी बिल्ली अशुभ नहीं है। यह एक पालतू जानवर है जिसे लोग पिछले 5000 वर्षों से घरों में रखते चले आ रहे हैं।
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