दिन में तारे क्यों नहीं दिखाई
देते
Din mein tare kyo nahi dikhai dete
जैसे-जैसे रात का अंधेरा बढ़ता जाता है दिखने वाले
तारों की संख्या और चमक भी बढ़ती जाती है। रात जितनी अधिक अंधेरी होती है तारे
उतरने ही अधिक चमकीले और स्पष्ट दिखाई देते हैं। लेकिन चांदनी रात में तारे कुछ कम
चमकीले दिखते हैं। जैसे ही सुबह होने को होती है तो दिखने वाले तारों की संख्या कम
होने लगती है। उस समय कुछ बहुत अधिक चमकीले तारे ही दिखाई देते हैं। सूर्य निकलते
ही हमें तारे दिखाई देते हैं। कुछ लोग सोचते हैं कि जैसे रात को सूर्य छिप जाता है
वैसे ही दिन में तारे छिप जाते हैं। लोगों की यह धारणा एकदम गलत है। तारे कभी भी
छिपते नहीं हैं। दिन में वे सूर्य के तेज प्रकाश के कारण दिखाई नहीं देते है।
वास्तव में होता यह है कि सूर्य का प्रकाश हमारे वायुमंडल में उपस्थित धूल, गैस और जलकणों से टकराकर चारों दिशाओं में फैल जाता है। प्रकाश के इस प्रकार
फैलने को प्रकाश प्रकीर्णन कहते हैं। प्रकाश के फैलने से सारा वायुमंडल चमकने लगता
है। दूर स्थित तारों से आने वाला क्षीण प्रकाश इस चमक की तुलना में बहुत कम हो
जाता है। इनकी चमक इस अधिक चमक में हमारी आंखों तक पहुंच नहीं पाती। इसलिए हमें
दिन में तारे दिखाई नहीं देते। इस बात को इस प्रकार भी समझा जा सकता है कि रात के
अंधेरे में जलता हुआ दीपक बहुत दूर से दिखाई देता है लेकिन दिन के प्रकाश में वह
दीपक हमें थोड़ी दूर से भी दिखाई नहीं देता है। रात में सूर्य का प्रकाश वायुमंडल
पर नहीं पड़ता इसलिए तारों का मंद प्रकाश भी हमारी आंखों तक पहुंच जाता है और रात
में तारे दिखाई देने लगते हैं। यदि वायुमंडल न हो तो हम दिन में भी तारे देख सकते
हैं।
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