कांच कैसे बनता है।
Kanch kaise banta hai
आज जीवन का शायद ही कोई ऐसा क्षेत्र होगा जिसमे कांच
को किसी न किसी रूप में प्रयोग न किया जाता हो। मकानों की खिड़कियों में कांच की
चादरें लगाई जाती हैं, रेल,मोटर, जहाज सभी की खिड़कियों में कांच का इस्तेमाल होता है। पानी पीने का गिलास, घर के सजावटी सामान, तरह-तरह की बोतलें, धूप और नजर के चश्मे, चेहरा देखने के शीशे, प्रयोगशालाओं में काम आने वाले फ्लास्क, बीकर, टेस्ट ट्यूब आदि लाखों चीजें कांच से बनाई जाती हैं। रोशनी पैदा करने वाले
बल्ब आदि लाखों चीजें कांच से बनाई जाती हैं। रोशनी पैदा करने वाले बल्ब, ट्यूब, थर्मस फ्लास्क भी कांच से ही बनाए जाते हैं। जिधर भी हम नजर दौड़ाते हैं उधर
ही जीवन में काम आने वाली कांच से बनी कोई न कोई चीज दिखाई देती है।
कांच के निर्माण की कला बहुत पुरानी है। यह
निश्चयपूर्वक नहीं कहा जा सकता कि कांच बनाना मनुष्य ने कब सीखा? मिस्र में कांच से बने कुछ दानें मिले हैं जो ईसा से 2500 वर्ष पूर्व बनाए गए
थे। बेबीलोनिया में ईसा से 2600 वर्ष पूर्व बनाई गई एक नीले रंग की कांच की छड़
मिली है। इन सब तथ्यों से यह स्पष्ट हो जाता है कि कांच का निर्माण ईसा से लगभग
2600 वर्ष पूर्व लोगों को आता था।
कांच के निर्माण में मख्य रूप से सिलिका, सोडियम
कार्बोनेट और कैल्शियम कार्बोनेट का मिश्रण प्रयोग में लाया जाता है। इन पदार्थों
को भली-भांति पीसकर मिला लिया जाता है और बड़ी-बड़ी भट्ठियों में पिघलाया जाता है
जब इन पदार्थों का मिश्रण पिघल कर एक हो जाता है तो इसे चादरों या छडों के रूप में
ढाल लिया जाता है। इस प्रकार बना ठोस पदार्थ ही कांच होता है।
कांच की अनेकों किस्में हैं। अलग-अलग किस्म का कांच
बनाने के लिए ऊपर वाले मिश्रण में कुछ दूसरे पदार्थ मिलाकर पिघलाया जाता है। आमतौर
पर कांच का निर्माण उद्योगों में काम आने वाले दसरे पदार्थों में मुख्य रूप से
मैग्नीशियम आक्साइड, बोरिक आक्साइड, एल्यूमिनियम आक्साइड, जिंक आक्साइड, लेड आक्साइड आदि हैं।
कांच को रंगीन बनाने के लिए
तांबा, लोहा, सेलेनियम, क्रोमियम, कोबाल्ट आदि धातुओं के आक्साइड प्रयोग किए जाते हैं। इन पदार्थों को मिलाकर
अलग-अलग रंग का कांच बनाया जाता है। उदाहरण के लिए कोबाल्ट के लवण मिलाने से नीले
रंग का कांच बनता है। क्रोमियम या तांबे के यौगिकों से हरा रंग पैदा होता है और
सेलेनियम से लाल रंग का कांच बनाया जाता है।
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