क्यों आती है हिचकी 
Kyo Aati Hai Hichki



हिचकी आना एक स्वाभाविक क्रिया है। सभी को कभी न कभी हिचकी आती ही रहती है पर बहुत से लोग ऐसे हैं जिन्हें एक दिन में कई-कई बार हिचकियां आती हैं। वे लोग हिचकी आने से परेशान हो जाते हैं।

इसका नाम हिचकी क्यों पड़ा यह तो सही-सही मालूम नहीं है, हां हिचकी को अंग्रेजी में 'हिक्कय' और आयुर्वेदाचार्य इसे 'हिक्का' कहते हैं अतः इन तीनों ही शब्दों में बहुत समानता है। हिचकी आते समय मुंह से 'हिच' शब्द का उच्चारण होता है शायद इसलिए इसका नाम 'हिचकी' पड़ा होगा।

हिचकी क्यों आती है? इसके कई कारण होते हैं। वैसे आम लोगों में धारणा है कि जब कोई किसी को याद करता है तब हिचकी आती है लेकिन यह कोई मनौवैज्ञानिक तथ्य नहीं है। मनोवैज्ञानिक अक्सर हिचकी आने के निम्न कारण मानते हैं

• काफी देर तक हंसते या रोते रहने के बाद अक्सर हिचकी आती है। 

• बहुत चटपटी वस्तु खाने के बाद अक्सर हिचकी आती है। 

• अधिक शराब पीने से भी हिचकी आती है। 

• अधिक दुख या चिंता करने से। 

• अधिक मात्रा में भोजन करने से अथवा जल्दी-जल्दी खाने से भी हिचकी अधिक आती है। 

जब डायाफ्राम सिकुड़ता है तो हवा तेज गति से भीतर की ओर खिंची जाती है इससे वाक तंतु (बोकलकाड) की बीच की जगह बंद हो जाती है और भीतर की हवा थोड़ी-थोड़ी देर में झटके से बाहर निकलती है और मुंह से एक विचित्र प्रकार की आवाज निकलती है।