वृक्षों का पतझड़ क्यों होता है 
Vriksho ka Patjhad kyo hota hai 



अगर देखा जाए तो पतझड़ सभी वृक्षों का होता है। हमारे पर्यावरण बिंदु के अनुसार अक्सर वृक्षों की पत्तियां शिशिर ऋतु में गिरना शुरू हो जाती है और बसंत ऋतु में नई पत्तियां आने लगती हैं। जो वृक्ष पतझड़ में पत्ती विहीन हो जाते हैं उन्हें 'डेसीडुअस' कहते हैं। जिन वृक्षों का पतझड़ हर वर्ष होता है उनकी पत्तियों की उम्र सिर्फ एक वर्ष होती है। कुछ ऐसे वृक्ष भी है जिनका पतझड़ तो होता है लेकिन उनका अहसास नहीं होता है। सदाबहार पौधे की पत्तियों की उम्र दो या तीन वर्ष होती है। वे गिरती तो हैं परंतु साथ में नई पत्ती आती रहती हैं।

इस प्रकार सदाबहार पौधों की हरियाली का चक्र चलता रहता है। सदाबहार पौधे में वैसे अनेक वृक्ष आते हैं परंतु सामान्यतः हम चीड़ और देवदार को ही जानते हैं। यूरोप में मिलने वाला ‘इटैलियन साईप्रस' नामक वृक्ष भी सदैव हरा भरा नजर आता है। मैगलनोलिया, जैतून के साथ-साथ उत्तरी ब्रिटेन का जूनीफर, मिटाटिल उत्तरी अफ्रीका का ओलींडर आदि पौधे भी सदाबहार ही श्रेणी में आते हैं।