अपने मित्र को पटाखे एवं आतिशबाजी के प्रयोग से होने वाले प्रदूषण एवं हानियाँ बताते हुए दीपावली को सादे ढंग से मनाने का आग्रह कीजिए। 


परीक्षा भवन 

नई दिल्ली 

दिनांक : 20 अक्टूबर 20.... 

प्रिय अतुल 

सप्रेम नमस्कार 

मेरी ओर से आने वाली दीपावली की शुभकामनाएँ एवं हार्दिक प्यार। इस बार मैं कुछ आवश्यक कार्यों में व्यस्त होने के कारण वहाँ नहीं आ सकूँगा, परंतु इतना अवश्य कहना चाहूँगा कि इस बार तुम दीपावली सादे ढंग से ही मनाओ। 

अतुल। तुम्हें पता ही है कि आज हमारे देश में कितना अधिक प्रदूषण फैल रहा है। दीपावली पर प्रयोग किए गए पटाखों एवं आतिशबाजी से वातावरण अत्यंत प्रदषित एवं विषैला हो जाता है। इन पटाखों एवं आतिशबाजी में जो पदार्थ अथवा मसाला भरा जाता है वह स्वास्थ्य के लिए अत्यंत घातक है। उसके जलने पर उसमें से निकली रंग-बिरंगी रोशनी हमारी आँखों की रोशनी को कम कर देती है। इसके प्रभाव से वातावरण में जहरीला धुआँ फैल जाता है, जिससे क्षय रोग, फेफड़ों में खराबी तथा अन्य रोग फैलते हैं। इसके अतिरिक्त इनके प्रयोग से कितने ही बच्चों के हाथ, पैर जलकर नष्ट हो जाते हैं तथा कितने ही बच्चे अंधे हो जाते हैं। वायुमंडल को प्रदुषित करने में इन पटाखों का बहुत योगदान है। हर वर्ष दीपावली पर सैकड़ों दुकानें स्वाहा हो जाती हैं, कितने ही व्यक्ति अपने साथियों से बिछुड़ जाते हैं। प्रकाश का यह त्योहार उनके जीवन में अंधकार भर देता है। भारत जैसे गरीब देश में पटाखों एवं आतिशबाजी पर पैसा व्यय करना शोभा नहीं देता। अत: तुमसे अनुरोध है कि इस वर्ष दीपावली पर पटाखे एवं आतिशबाजी का बहिष्कार करके इसे सादे ढंग से मनाओ। 

मेरी ओर से पूरे परिवार को दीपावली की हार्दिक शुभकामनाएँ। 

तुम्हारा अभिन्न मित्र 

क०ख०ग० 

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