छोटे भाई के नाम बड़ी बहन का पत्र। 


जाखू, शिमला 

5-4-20... 

प्रिय सतीश 

शुभाशीर्वाद 

बहुत दिनों से तुम्हारा पत्र मुझे नहीं मिला। जी लगा है? आशा है, तुम मन लगाकर वार्षिक परीक्षा की तैयारी में लगे हो। शायद इसलिए तुमने पत्र नहीं लिखा। तुम्हें यह जानकर प्रसन्नता होगी कि अंबाला के कॉलेज में मेरी बहाली हो गई है। मेरी हिंदी के प्राध्यापक पद पर नियुक्ति हुई है। वेतन के रूप में 25000 रु० मिलेंगे। अब तुम्हें किसी तरह की चिंता नहीं करनी चाहिए। पिता जी की आमदनी इतनी नहीं है कि वे तुम्हारी पपढ़ाई के खर्च का पूरा भार अपने कंधों पर उठा सकें। तुम तो जानते हो कि उन्होंने अपनी सारी रही-सही पूंजी हमारी पढ़ाई में लगा दी। दो छोटे भाई और हैं। उन्हें भी शिक्षा देनी है। मैंने निश्चय किया है कि तुम्हारी पपढ़ाई में होने वाला सारा खर्च अब मैं तुम्हें भेजूंगी। अपने दो छोटे भाइयों को भी यहाँ बुला लूंगी और किसी स्कूल में नाम लिखा दूंगी। पिता जी का भार हलका करना हम लोगों का कर्तव्य है। भगवान चाहेगा तो हमारे कष्ट जल्द ही दूर हो जाएंगे। तुम खूब मन लगाकर पढ़ो ताकि अगली परीक्षा में अपने वर्ग में सर्वप्रथम स्थान बना सको। तब मुझे बेहद खुशी होगी। पत्रोत्तर देना। 

तुम्हारी शुभाकाक्षिणी 

सुधा 

पत्र पाने वाले का नाम व पता 

श्री सतीश कुमार 

सरस्वती छात्रावास 

बिरला विद्या निकेतन 

अलवर, राजस्थान