अस्पताल में दाखिल हुए अपने किसी दुर्घटना ग्रस्त मित्र को सांत्वना देते हुए एक पत्र लिखिए।

16/39, शक्ति नगर 

दिल्ली 

दिनांक :-....

प्रिय रवि 

सप्रेम नमस्कार 

कल तुम्हारे पिता जी के पत्र से यह पता चला कि तुम पिछले हफ्ते एक सड़क दुर्घटना में घायल होने पर अस्पताल में दाखिल हो। इस समाचार को पढ़कर केवल में ही नहीं मेरा पूरा परिवार भी दुखी हुआ। लेकिन इस बात को जानकर तसल्ली हुई कि तुम्हें अधिक चोट नहीं आई है। बस से टकराकर चार फुट दूर जाकर गिरना कोई मामूली घटना नहीं है। इस भयंकर दुर्घटना में कुछ भी हो सकता था लेकिन ईश्वर ने तुम्हारी रक्षा की है। पैर की हड्डी टूटी है सो कुछ समय बाद ठीक हो जाएगी। इसका तुम्हें विशेष ध्यान रखना होगा। मेरे ख्याल से तुम अस्पताल में रहकर थोड़ा और समय बिताओगे तो अच्छा होगा।

 वैसे तो डॉक्टरों ने अपनी तरफ से पूरा एहतियात रखा होगा। लेकिन तुम अपनी तरफ से भी थोड़ा सतर्क हो जाना। जहाँ कहीं दर्द हो उसको नजरअंदाज मत करना। डॉक्टर जितना समय आराम करने को कहे उतना समय आराम जरूर करना। पढ़ाई आदि के बारे में चिंता मत करना। तुम जैसे मेधावी एवं परिश्रमी छात्र कुछ ही दिनों में सब कमी पूरी कर लेते हैं। फिर लंबे समय की बात तो है नहीं, इस समय केवल तुम्हें अपने धैर्य और साहस का परिचय देना है। मुझे पूरा विश्वास है कि तुम इस विपत्ति का सामना साहस के साथ करोगे।

मेरे माता-पिता की ओर से शीघ्र ही स्वास्थ्य लाभ के लिए शुभाशीर्वाद लो। मैं जल्द ही तुमसे मिलने अस्पताल अवश्य आऊँगा। चाचा जी एवं चाची जी को मेरा नमस्कार। शेष बातें मिलने पर। 

तुम्हारा अभिन्न मित्र 

क० ख० ग०