पिता को अपने मित्र की दुर्घटना की सूचना देते हुए एक पत्र लिखिए।


छात्रावास 

दिल्ली पब्लिक स्कूल 

सेक्टर-30 

गौतम बुद्ध नगर, नोएडा 

दिनांक : 10-5-20... 

आदरणीय पिता जी 

चरण स्पर्श 

बड़े दुख के साथ आपको सूचित कर रहा हूँ कि प्रिय प्रवीण के साथ कल शाम को एक दुर्घटना हो गई है। प्रवीण और मैं इकट्ठे मोटर साइकिल पर अपने स्कूल से ट्यूशन के लिए सेक्टर इक्कीस जा रहे थे। जब हम अपनी एक पुस्तक लेने अट्टा मार्किट के चौक पर पहुंचे तो हमारी मोटर साइकिल सामने से आ रहे ट्रक से टकरा गई। मैं आगे बैठा मोटर साइकिल चला रहा था, इसलिए झटका लगते ही मैं तो दूर जा गिरा, पर बेचारा प्रवीण मोटर साइकिल के साथ ही ट्रक के नीचे आ गया। उसी समय हम दोनों को अस्पताल ले जाया गया। मोटर साइकिल भी चकनाचूर हो गई है। 

यहाँ पहुँचने के बाद मैं तो जल्दी ठीक हो गया हूँ क्योंकि मुझे कोई गहरी चोट नहीं लगी थी। केवल घबराहट से बेहोश हो गया था। कल रात तक प्रवीण की हालत बहुत खराब थी। वह सारी रात बेहोश था। सुबह छह बजे उसे होश आ गया है। जब डॉक्टर ने उसका मुआयना किया तो बताया कि कोई घबराने की बात नहीं है, अब वह खतरे से बाहर है। केवल उसके बाएँ पैर की हड्डी टूट गई है। डॉक्टर ने उसके पैर पर प्लास्टर बाँध दिया है। अब उसे डेढ़ महीने के बाद खोला जाएगा। प्रवीण अब बिल्कुल ठीक है। वह धीरे-धीरे मुझसे बात कर रहा है। स्कूल से हमारे अध्यापक व प्रधानाध्यापक भी यहाँ आए थे, काफी देर हमारे पास बैठकर गए हैं। प्रवीण के माताजी-पिताजी भी यहाँ आ गए हैं। अब आप भी जल्द ही यहाँ आकर प्रवीण से मिल लेते चिंता करने की विशेष आवश्यकता नहीं है।

आपका पुत्र 

चंद्रकिरण 

पत्र पाने वाले का नाम और पता