आप छात्रावास में रहते हैं। अपनी माताजी को पत्र लिखकर वहाँ की दिनचर्या के विषय में बातएँ।


बोएज़ हॉस्टल,

पटेल नगर, करनाल। 

20 जनवरी, XX

प्रिय माता जी,

मुझे आपका प्यारा पत्र आज ही मिला। मुझे याद करने के लिए अत्यधिक धन्यवाद। आपने मुझसे मेरी दिनचर्या के विषय में पूछा है। मैं सारा लिखता हूँ। रोज़ की भांति मैं सुबह पाँच बजे उठता हूँ। शौच से निवृत्त हो कर मैं पास के पार्क में सैर करने के लिए जाता हूँ। मैं अपने छात्रावास में 6 बजे वापिस आ जाता हूँ। नहा धो कर पूजा करके मैं सात बजे नाश्ता करता हूँ फिर स्कूल जाने के लिए तैयार हो जाता हूँ। यह 7.30 बजे लग जाता है। 10 बजे हम जलपान के लिए अवकाश मिलता है। हमारा स्कूल 1.30 पर बन्द हो जाता है। तब हम भोजन खाने के लिए जाते हैं। कमरे में वापिस आ कर मैं आधा घण्टा आराम करता हूँ। 2.30 से 4.30 बजे तक मैं पढ़ता हूँ और स्कूल का काम करता हुँ। फिर दूध के साथ बिस्कुट खाता हूँ। एक घण्टा पढ़ाई करके मैं खेलने चलाजाता हूँ। 6.30 बजे फिर मैं नया पाठ पढ़ता हूँ और सवाल करता हूँ। आधे घण्टे मैं अखबार पढ़ता हूँ। रात को 8.30 बजे हम रात का खाना खाते हैं। मैं अपने कमरे में साथ रहने वाले लड़के के साथ बाहर सैर करने जाता हूँ। 10.30 बजे हम सोने चले जाते हैं। रविवार छुट्टी होती है। इस दिन में अध्यापकों के पास समस्याएँ हल करवाने जाता हूँ।

पिताजी को मेरा प्रणाम कहना और अन्नु को प्यार देना। आपके उत्तर की शीघ्र प्रतीक्षा में।

आप का प्यारा बेटा,

करना