मोबाइल फोन का बढ़ता प्रचलन 
Mobile Phone ka Badhta Prachalan

संचार-क्रांति का सबसे उपयोगी और लोकप्रिय यंत्र है-मोबाइल फ़ोन। अब से 30-40 वर्ष पूर्व तक किसी ने कल्पना तक नहीं की थी कि कभी वह हर स्थान हर समय अपने प्रियजनों के संपर्क में रह सकता है। कंम्प्यूटर के बाद यदि किसी आविष्कार ने जावन को सबसे अधिक प्रभावित किया है तो वह है-'मोबाइल फोन'। देश में हों या विदेश में रेगिस्तान में हो; आकाश में या पर्वत शिखरों पर, यह हमें अपनों से जोडे रखता है। दुर्घटना या विपत्ति के समय तो यह प्राणरक्षक तक की भूमिका निभाता जवान, अमीर-गरीब सबका साथी बन चुका है यह। सड़क पर गाड़ी खराब हो गई है, ट्रैफिक जाम में फंस गए हैं, कोई मित्र संबंधी समय पर मिलने नहीं आ पा रहा है, कोई अचानक बीमार हो गया है; ऐसी किसी भी परेशानी में साथ देता है मोबाइल। अब तो मोबाइल मात्र फोन नहीं रह गया है। एक बटन दबाते ही अनेक सुविधाओं के विकल्पों में से आप आवश्यकतानुसार चुनाव कर सकते हैं। घड़ी, कलैंडर, अलार्म, रेडियो, टेपरिकॉर्डर, कैमरा, तरह-तरह के गेम सब कुछ है यह। बिलों का भुगतान करना है या रेल, हवाई जहाज़ का टिकट खरीदना है, यहाँ तक कि बैंक से पैसा निकालना या जमा करना है सब कुछ मोबाइल द्वारा संभव है। बात करने का समय ठीक नहीं है तो एक एस.एम.एस कर दीजिए। व्यापार के बड़े-बड़े सौदे आज मोबाइल से हो रहे हैं। इतनी सुविधाओं का दाता कभी-कभी दुखदाता भी बन जाता है। न जाने कितनी दुर्घटनाओं का यह कारण बना है। इसमें लगे कैमरों ने न जाने कितनी मासूम लड़कियों का जीवन बरबाद किया है। इससे विकीर्ण होने वाली हानिकारक किरणें अनेकानेक रोगों की जनक बन रही हैं। इस यंत्र ने संबंधों को भी यांत्रिक बना दिया है। व्यक्तिगत रूप से मिलना, साथ बैठकर बात करने में जो आत्मीयता की मिठास थी ऐसे अवसरों में कमी आती जा रही है। यह यंत्र वरदान भी बन सकता है और अभिशाप भी, हम क्या बनाते हैं यह हमारे अपने हाथ में है।