मेरा पक्का मित्र
Mera Pakka Mitra
एक सच्चा मित्र ही कीमती होता है। एक मित्र के बिना जीवन नीरस होता है। मैं बहुत ही खुशनसीब हूँ कि मुझे एक सच्चा मित्र मिला है। मेरे पाँच-छ: मित्र हैं परन्तु राहुल वास्तव में मेरा सच्चा मित्र है, हम एक-दूसरे के लिए बने हैं।
मुझे राहुल पर और राहुल को मुझ पर गर्व है। हम एक भी दिन एक-दूसरे को देखे बिना नहीं रह सकते। वह बचपन से मेरा सहपाठी है। हमारी मित्रता प्राकृतिक व अमर है। वह एक सम्मानित परिवार का बालक है। उसकी माता एक धार्मिक महिला व कुशल गृहिणी है। राहुल अपने माता-पिता की अकेली संतान है। वे राहुल को अपने जीवन से भी ज्यादा प्यार करते हैं। मेरे भाता-पिता भी उसे उतना ही प्यार करते हैं, जितना कि मुझसे।
राहुल के पिता डिग्री कॉलिज में प्रधानाचार्य हैं। वह बहत ही समझदार व बुद्धिमान हैं। इसलिए राहुल को बुद्धिमानी व समझदारी विरासत में मिली है। वह अपनी पढ़ाई में होशियार है। उसका मनपसन्द विषय विज्ञान है। वह मेरी इस विषय में सहायता करता है। मैं अंग्रेजी में अच्छा हूँ और उसकी इस विषय में सहायता करता हूँ। हमारे बीच एक स्वस्थ प्रतियोगिता है। परन्तु हम एक-दूसरे की सफलता पर ईर्ष्या नहीं करते।
राहुल एक बड़ा व सफल इंजीनियर बनना चाहता है। मैं प्रवक्ता बनना चाहता हूँ। राहुल एक अच्छा कहानीकार व गायक है। परन्तु उसे मेरी कहानियाँ व चुटकुले ज़्यादा पसन्द हैं। हम दोनों को डाक टिकट इकट्ठे करने का शौक है। हम दोनों के पास डाक टिकटों का अच्छा संग्रह है। हम आपस में टिकट व जानकारियाँ बदलते हैं।
राहुल का व्यवहार बहुत ही अच्छा है। वह बहुत ही प्यारा है। वो मेरे घर आता है व मैं भी उसके घर जाता हूँ। मैं वाकई में ऐसा मित्र पाकर खुश हूँ। हम एक दूसरे के सुख-दुःख बाँटते हैं। मैंने उससे बहुत कुछ सीखा है।
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Mitraa 😃😃😃😃
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